एक अनजान शख्स | Best Hindi Story with Moral | ShinchuTalk | Stories & Thoughts

एक अनजान शख्स


कितनी अजीब होती है ना ये मुलाकाते, अजनबी इंसान के साथ हुई एक ऐसी मुलाकात जिसने बोहत कुछ बदल दिया, इन मुलाकातों से कुछ लोग याद रहा जाते हैं और कुछ यादें बन जाते हैं । एक ऐसी ही मुलाकात हुई थी राज के साथ :

25 दिसंबर, ये रात वो रात थी जब राज ने अपनी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा सबक सीखा था। राज एक अमीर घर का बिगड़ा हुआ नालायक लड़का था जिसे कोई कुछ नहीं कहता था, या फिर उसे कोई कुछ कहे भी तो उसे कोई फरक नहीं पड़ता। वो पूरी रात पार्टीज करता और दिन भर घर से बहार ही रहता। लैकिन उस रात जो हुआ उससे उसकी सोच ही बदल गयी, उसे समज आ गया की उसने अब तक कितनी गलतिया की हैं। शायद ये मुलाकात बोहत जरुरी थी, उसे ये समझाने के लिए की उसने आज तक कितनी गलतिया की हैं।

उस रात राज ने बोहत ज्यादा पि राखी थी और वो उसके दोस्त ( करण ) से लड़ रहा था की गाड़ी वो ही चलाएगा, और उसका दोस्त ( करण ) बार-बार उसे मना कर रहा था।

करण : भाई, तूने बोहत ज्यादा पि राखी हैं, गाड़ी मुझे चलने दे। 

( पर राज उसकी कोई बात नहीं सुनता हैं )

दूर एक इंसान इन दोनों को देख रहा था, वो एक अनजान शख्स था।  उसे ये सब देख कर बोहत हस्सी आ रही थी। 

( जब कारन ने देखा की एक अनजान शख्स उन्हें देख कर हस्स रहा हैं, तो वो उससे लड़ने चला गया )

राज : ज्यादा हस्सी आ रही हैं तेको, ये जो सारे दत्त दिख रहे हैं न एक बार में तोड़ दूंगा समझा। 

एक अनजान शख्स : तू तोह नाराज़ हो गया, चल तेको एक कहानी सुनाता हूँ, उसके बाद तू खुद हे तये करना की तुझे गाड़ी चलनी हैं या नहीं।

( एक अनजान शख्स, राज को एक कहानी सुनना चालू कर देता हैं )

एक अनजान शख्स : तू जैसे अपने दोस्त से लड़ रहा था वैसे ही एक रात को कार्तिक नाम का लड़का भी अपने दोस्त से गाड़ी चलने के लिए लड़ रहा था और उसके दोस्त ने हार में कर गाड़ी की चाबी उसको दे दी। कार्तिक कुछ ज्यादा ही जोश में आ गया और गाड़ी बोहट तेज चलने लगा तभी उसके सामने अचना से एक कर आ गई और उससे कुछ समझ नहीं आया और वो उस से टकरा गया। उस रात सिर्फ कार्तिक और उसके दोस्त की ही मौत नहीं हुई बल्कि उस कार में आ रहा एक परिवार भी खत्म हो गया, क्या कोई जवाब है की क्या गलती थी उस परिवार की जो बिना कोई गलती के मारा गया। हम अक्सर ये भूल जाते हैं कि हमारी वजह से दूसरों को कितनी तकलीफ होती हैं। कार्तिक आज भी वो रात के बारे में सोच कर खुदको बोहात बुरा समझता है, पर अब वो कुछ कर भी नहीं सकता

( राज ये सब सुनकर 2 min. के लिए चुप हो गया )

राज : यार तूने तोह ये सब बोलकर मेरी सारी शराब उतार दी, नहीं चलूंगा में गाड़ी। अच्छा मुझे एक बात बता तूने कहा कि कार्तिक आज भी ये सोच कर उदास हो जाता है क्या वो जिंदा हैं। 

एक अनजान शख्स : अभी तोह बताया कि उस रात कोई नहीं बचा था।

राज : तोह तुझे ये सारी कहानी कैसे पता और कार्तिक अब तक कैसे दुखी होता है।

( तभी राज के दोस्त करण उस ज़ोर से आवाज़ लगता हैं और कहता हैं )

करण : क्या हो गया है तुझे किस से बात कर रहा है इतनी देर से। 

( राज, करण की तरफ देख कर कहता हैं कि )

राज : अरे ये बैठा तोह हैं मेरा सामने इसने कहानी सुना कर मेरी पूरी उतार दी।

करण : कोन बैठा है मुझे हो कोई नहीं दिख रहा यह।

राज जैसे ही वापिस देखता है और कहता है ये तोह बैठा है, वो देखता हैं की वह कोई नहीं था, वो समझ नहीं पा रहा था, तभी उसे टेबल पर एक पेपर मिला जिसमें ऐक्सिडेंट के बारे में बताया हुआ था और उसमें कार्तिक की भी फोटो थी, वो अनजान शख्स कार्तिक ही था जो उसे अपनी कहानी सुना रहा था। 


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